Poem for my love

This is a poem written for love of my life. My bestie.❤

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Komal Mittal
Komal Mittal 18 Feb, 2020 | 0 mins read

मिट्टी की खाक से थे हम,
सर आँखो पे सजा कर तुमने अपना मेहबूब बनाया,
अंजान होने से ये मोहब्बत तक का सफर,
दिल्बर मेरे तुमने क्या खूब निभाया।

आज तीन साल हो चुके है ,
उस बात को,
जब सिर्फ दोस्त से बहुत खास बन गए थे,
उस रात को।

तुम भी कमाल करते हो,
इस बेसबर दिल के दरिया मे उतर कर,
ना जाने क्यूँ इतना ब्वाल करते हो।

क्या नही जानते तुम?
जैसे पेहली बारिश से बगिया मे बहार आ जाती हो,
वो तुम्हारी एक मुस्कराहट जैसे इस दिल को सुकून दे जाती हो।

सुकून ऐसा जिसमे जिन्दगी भर खोने को जी चाहता है,
मरते दम तक तुम्हारी बाहो मे सिमटने को जी चाहता है।

ना बयाँ कर सकते हैं ,
सिर्फ जता सकते हैं,
मोहब्बत है तुम्से ओ दिल्बर कितनी,
सर आँखों पर तुम्हे सजा सकते है।

जानते हैं हम ,
पसंद है तुम्हे बहुत हमको सताना,
पर क्या करे, सताना हमे भी आता है,
फर्ज हैं ये हमारा तुमको बताना।

हमारी हर साँस मे तुम बसे हो,
इस सिरफिरे दिल के हर कतरे मे तुम सजे हो,
जिन्दगी जीना हमने तुम्से सीखा है,
हमने हमारी रूह पर भी तुम्हारा नाम लिखा हैं।

पास रहे ना रहे हम तुम्हारे,
ना आ सकता है कभी कोई बीच हमारे,
हमेशा साथ हम तुम्हारे यूहीं रहेंगे,
तुम्हारे हर स्ताने को ह्स्ते हुए सहेगे।

दुआ करते हैं,
तुम्हारी हर दुआ क़ुबूल हो,
सात फेरे ले जिसके साथ हम,
ए दिल्बर मेरे तुम ही वो हुजूर हों।

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Komal Mittal

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