क्या -क्या लिखू उसके बारे में ,
लफ्ज़ कम न रह जाये।
कही पढ़ने वाले को ही ,
उससे इश्क़ न हो जाये।
क्या बताऊ तुम्हे कैसा है मेरा यार ,
खुद चाँद भी शर्मा जाये कुछ ऐसा है मेरा दिलदार।
आँखों में उसकी खो जाने को जी चाहता है ,
देखता है वो कुछ इस तरह ,
उसे ही देखते रहने को जी चाहता है।
वो साथ हो तो सारा जहां अपना सा लगता है ,
और न हो तो जग सूना - सूना सा लगता है।
इश्क़ हो चला है उनसे कुछ इस कदर ,
कि मिलने की तड़प रहती है दिल में दर बदर।
जिनके पास होने के ख्याल ही हमे मदहोशी दे देते है ,
तो सोचो मेहकशी मेरे यार की तो तुम्हे बर्बाद ही कर देगी।
सोचते थे खुशियों की लकीर बनाई नहीं खुदा ने हाथो में हमारे भूल से ,
पर ये गलत फहमी भी दूर हो गयी मिले है वो इतने नूर से।
बहुत जालिम है ये दुनिया ,
दो पल मोहब्बत करके तो देखो ,
शर्त लगी तुम्हे इश्क़ न हो गया , अरे
मेरे यार से नजरे मिला कर तो देखो।
उनके बारे में लिखने लगे तो देखो ,
शब्द खुद - ब - खुद कलम से उतर रहे है ,
लिखने को तो पूरी किताब लिख डाले ,
पर कम्बख्त ये पल ही कम पड़ रहे है।
Mera yaar
My description of my love..
Originally published in hi
Komal Mittal
24 Feb, 2020 | 1 min read
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