अखंड भारत का सपना पूरा करने का वक्त आया है
चलो तिरंगा उठाओ भारत मां का सन्देश आया है
पत्थर नहीं जिम्मेदारी उठाने का ये वक्त हैं
धर्म नहीं हाथ मिलाकर साथ चलने का यही अवसर है
आज़ादी को कागजों में नहीं रखना है
बेड़ियां तोड़ आरक्षण की सबको साथ रहना है
सर तन से जुदा कर के क्या हासिल कर लोगे
मंजिल एक ही भारत को अखंड बना कर दम तोड़ेंगे
विश्व में भारत का परचम लहरा देंगे
अखंड भारत का सपना सपना न रहने देंगे
तेरा मेरा क्या रोना है
अंत में तो एकता का बीज ही बोना है
संघर्ष करेंगे आगे बढ़ेंगे जीतेंगे हारेंगे
मेहनत करेंगे अंत में
भारत अखंड कर के रहेंगे।
दक्षल कुमार व्यास
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