प्रकृति हनन

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Dakshal Kumar Vyas
Dakshal Kumar Vyas 10 May, 2022 | 0 mins read
Nature Paperwiff

जंगल के जंगल साफ हुए

उपजाऊ भूमि पर महल खड़े हुए


बंजर भूमि यूंही पड़ी

हरी भरी दुनिया उजड़ पड़ी


मानवता नोट गिनने में लगी

सरकारें काम पन्नों में कर चली


दिखावे मात्र पर चंद पोधे लगा दिए

अगले कुछ दिनों में न रखवाली, न देखभाल खुद ही पोधो के गले घोट दिए


लालच की राह पर

नष्ट की प्रकृति सारी


जब जरुरत पड़ी तब

प्रकृति के पास आन पड़ी दुनियां सारी


न ऊंच नीच न गरीब अमीर

प्रकृति ने दिया सभ कुछ तुम्हें


अब संभल जा ऐ लोभी व्यक्ति

पालन करना जानती है प्रकृति

और विनाश दिखाना भी जानती है प्रकृति।


दक्षल कुमार व्यास


दक्षल कुमार व्यास

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