मैं मेवाड़ की माटी

महाराणा प्रताप मेवाड़ राजस्थान

Originally published in hi
Reactions 2
569
Dakshal Kumar Vyas
Dakshal Kumar Vyas 01 Jun, 2022 | 0 mins read
Mewad Maharana pratap

मैं मेवाड़ की माटी मेवाड़ की गाथा सुनती हूं

जब राणा कि मृत्यु सुनी अकबर ने फुटफुट कर वो भी रोया था

मुग़ल देख कांप उठते थे चेतक पर सवार महाराणा प्रताप को

माटी का रक्षक माटी के लिएं ही जीया था

एकलिंग नाथ का सेवक महाराणा ने अधीनता नहीं स्वीकारी थी

जंगलों में जीवन बीता लिया, घास की रोटी से भूख मिटा ली

न किसी पे आंच आने दी , न किसी के सामने झुके

बस राणा ने माटी का रण चुका लिया

घनघोर युद्ध कर इतनी लाशे बिछा दी

लहू की नदियां बहने लगी माटी ने रंग बदल दिया

माटी का पुत्र माटी के लिए ही जीया मरा

मैं मेवाड़ की माटी आज ये गाथा सुनती हूं।


दक्षल कुमार व्यास

2 likes

Published By

Dakshal Kumar Vyas

dakshalkumarvyas

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kamlesh Vajpeyi · 2 years ago last edited 2 years ago

    सुन्दर.. मेवाड़ भारत की शान है.

  • Dakshal Kumar Vyas · 2 years ago last edited 2 years ago

    Thanku sir

Please Login or Create a free account to comment.