आज दुनियां की नजरें सिर्फ़ भारत पर है। अपने इतिहास को ध्यान में रख शोर्य एवम शांति का अनुठा रूप सिर्फ़ मुल्के हिन्दुस्तान में ही हैं।आज विश्व कई संकटों से जुझ रहा वहीं भारत में भी कई समस्याएं है परंतु एकता हां एकता का प्रदर्शन करता भारत विभिन्न भाषा , धर्म , जाती , लिंग , स्तर हर दो कोस पर तो भाषा बदलती हैं तो भी देश आज अखंड हैं। देश में समस्या कई है भ्रष्ट्राचार , बलात्कार , अपराधो की गिनती नहीं हां है ये कई मुद्दे पर अब देश नई ऊंचाइयों को छूता नज़र आ रहा है कोरोना को परास्त कर वेक्सिन की सफलता , आत्मनिर्भर भारत , शिक्षा नीति विश्व गुरु के तख्त पर भारत फिर आएगा । अपनी संस्कृति संजोए रखीं और आधुनिकता को मिश्रित किया हर दसवां कामियाब भारतीय है पर 135 करोड़ से अधिक विभिन्न धर्म के लोगो को जोड़े रखां हैं तिरंगे ने देश को मां मानते हैं। बड़ो का आदर छोटो को प्यार यही है संस्कृति देश की बस इसी विशेषता पर निरंतर अग्रसर करना है एकता के सूत्र में पिरोए रहना है धर्म से पहले , अपने से पहले , परिवार से पहले ,समाज से पहले भारत को अपने राष्ट्र को रखना है
दक्षल कुमार व्यास
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