जीवन सत्य

सत्य यही है की सभी अत्यधिक स्वार्थ है एवम कोई दुसरो की भलाई नही चाहता परंतु मैं ऐसा नहीं

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Dakshal Kumar Vyas
Dakshal Kumar Vyas 11 Mar, 2022 | 0 mins read
Youths Life Truth'



खुल पड़े पन्ने सारे

क्या छोड़ क्या लिए चल रहा हुं

इस अभिमान भरी दुनिया में

आकांक्षाए पूरी करने के चक्कर में

कुछ बनने के अरमान में

कुछ करना भूल गया हूं

सत्य की राह पकड़े रखी है

समाज को बांधे रखा है

स्वयं भोग में

देश को परे रख दिया

योगी से भोगी की दिशा में अंधेरा दिखा

उत्तर की पहाड़ियों से किरणे दिखी है

छोड़ दिया हैं जो लिए चला था

सपने पूरे करने का सपना टूट गया

कुछ बनने की ज़िद त्याग दि हैं

करने का निर्णय ले लिया है

देश हित में समर्पण किया है


दक्षल कुमार व्यास


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