नवजात बच्चे व नई मां दोनों के लिए ही मालिश बहुत जरूरी है| नसों में रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक अच्छे तेल से जच्चा व बच्चा की मालिश जरूर करनी चाहिए| मां का शरीर पूरे 9 महीने के समय में ढीला व कमजोर हो जाता है| डिलीवरी के वक्त मां की बहुत ऊर्जा खत्म हो जाती है| बच्चा भी मां के पेट में सीकूड़ा हुआ होता है |इसीलिए बच्चे की नसों को खोलने व हड्डियों को मजबूत करने के लिए मालिश करना बहुत जरूरी है|
मालिश के लिए तेल :-
मालिश करने के लिए सबसे अहम बात है तेल का चुनाव करना| मां की मालिश के लिए सरसों के तेल को गरम कर उसमें अजवाइन व मेथी दाना डालकर अच्छे से गर्म कर ले |ठंडा होने पर छानकर रख लें| अजवाइन और मेथी दाने मे दर्द निवारक गुण होते हैं जो मां के शरीर में से हर तरीके के दर्द को खत्म करने में कार्यगर साबित होता है |बच्चे की मालिश के लिए भी सरसों का तेल ही सबसे अच्छा है |बाजार में भी कई तरह के तेल उपलब्ध है |जिनमें से डाबर लाल तेल आयुर्वेदिक औषधियों से भरपूर है| बच्चे की मालिश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है|
कब करें मालिश :-
अगर आप की डिलीवरी नॉर्मल तरीके से हुई है तो आप 1 हफ्ते के बाद मालिक शुरू करवा सकती हैं |कम से कम 40 दिन तक मालिश करवानी चाहिए| अगर डिलीवरी ऑपरेशन से है तो कम से कम 1 महीने के बाद मालिश करवानी शुरू कर सकते हैं| ध्यान रहे कि आपके टांके पूरे तरीके से सुख चुके हो| और बच्चे की मालिश जन्म के तीन से चार दिन बाद शुरू की जा सकती है|
दिन में कब-कब करें मालिश:-
मां के लिए नहाने से पहले दिन में एक बार मालिश पर्याप्त है |बच्चे के लिए नहाने से कम से कम 1 घंटे पहले मालिश करें और रात को सोने से पहले हल्के हाथों से बच्चे के हाथ पैरों की मालिश करें| रात को मालिश करने से बच्चे की दिन भर की थकान उतर जाएगी व अच्छे से सो पाएगा|
कब तक करें मालिश :-
मां के लिए 1 से 2 महीने की मालिश काफी है| बच्चे के लिए कम से कम 1.5 से 2 साल तक मालिश करनी चाहिए |इससे बच्चे की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती है| व त्वचा भी अच्छी रहती है|
ध्यान देने योग्य बातें :-
मां की मालिश किसी महिला जिसे मालिश की अच्छी समझ हो उससे ही करवाएं| और बच्चे की मालिश मां खुद करें जिससे मां और बच्चे के बीच एक खास बंधन बनता है
मालिश करने के तुरंत बाद बच्चे को ना नहलाये|
नवजात शिशु व नई मां की मालिश
नवजात बच्चे व नई मां दोनों के लिए ही मालिश बहुत जरूरी है| नसों में रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक अच्छे तेल से जच्चा व बच्चा की मालिश जरूर करनी चाहिए
Originally published in hi
Chanchal Narula Puri
09 May, 2020 | 1 min read
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