जब ये बादल छंट जाएंगे
संकट सारे कट जायेंगे
सब कुछ पहले जैसा होगा
कुछ ना ऐसा वैसा होगा
तब तक खुद को संभाले रखना
अपनी हिम्मत बनाए रखना।।
चहेरे पर कोई मास्क ना होगा
डरने का कोई चांस ना होगा
मंदिर के पट भी खुल जाएंगे
शंखनाद जयकारा होगा
तब तक आस जगा कर रखना
अपनी हिम्मत बनाए रखना
स्कूल भी जब खुल जायेगे
बच्चे भी खिलखिलाएं
दोस्तों से मिलना मिलना होगा
मायके भी तो जाना होगा
तब तक खुशी बनाए रखना
अपनी हिम्मत बनाए रखना
जम के सैर सपाटा होगा
शादियों का धूम धड़ाका होगा
स्ट्रीट फूड का चटकारा होगा
मस्ती का हर एक आलम होगा
तब तक खुद को संभाले रखना
अपनी हिम्मत बनाए रखना
©️®️वर्षा अभिषेक जैन
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