काली हूं, बदसूरत हूं
मोटी हूं, नाटी हूं
तेरे नजरिए से
मैं ऐसी वैसी हूं।
सांवली हूं ,सलोनी हूं
क्यूट सी टेडी हूं
अपने नजरिए से
मैं मां की रानी बेटी हूं।
तेरे नजरिए से मैं कामचोर हूं
अपने नजरिए से मैं थामे परिवार की डोर हूं।
मुंह फट हूं,बातूनी हूं
लापरवाह,बेपरवाह हूं।
तेरे नज़रिए से मैं कोरी अफवाह हूं
चमत्कार हूं चिंगारी हूं
अपने आप में मैं सम्पूर्ण नारी हूं।
©️®️वर्षा अभिषेक जैन
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Amazing... both U nd your poetry😃
Thank you 😊
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