ये है मुंबई मेरी जान

फिल्मी दुनिया

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Varsha Abhishek jain
Varsha Abhishek jain 22 Sep, 2020 | 0 mins read

मुंबई!जब भी ये नाम जहन में आता है तो साथ में आती है एक छवि,चकाचौंध , लाइट कैमर,पैसा,रुतबा।

इस कारण ही मुंबई को माया नगरी कहा जाता है।जो यहां आता है यहां की जिंदगी को देख बड़े बड़े सपने देखने लगता है।और उन सपनों को पूरा करने रोजाना हजारों लोग आते है मुंबई।और उनमें से ज्यादातर युवा आते है हीरो बनने या हीरोइन बनने।

कुछ के सपने पूरे होते है, और बहुतों के अधूरे रह जाते है। कितनों के पूरे होते है उनमें से कुछ अपनी प्रतिभा की बदौलत आगे बढ़ जाते है और कुछ प्रतिभा होते हुए भी पीछे रह जाते है।

फिल्म नगरी का एक भयावह चेहरा भी यदा कदा सामने आता रहता है।कभी भाई भतीजा वाद,कभी कास्टिंग काउच,कभी नशा।ना जाने कितने लड़के लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है।

लाखों लोग अंधभक्त की तरह अपने हीरो हीरोइन के प्रशंसक होते है।उनके कपड़े ,रहन सहन ,उनके द्वारा निभाए किरदारों में उनकी छवि देखते है।राम के किरदार को निभाने वाले कलाकार में भगवान की छवि देखते है पूजते है।

ऐसे में उच्च स्तर पर बैठे हुए उन कलाकारों की भी जिम्मेदारी समाज के प्रति बढ़ जाती है, क्यूंकि उनको सर्वोच्च स्थान पर बिठाया भी उन प्रशंसकों ने ही है।फिर अगर वो ऐसा कोई भी गलत काम करते है तो समाज के प्रति उत्तरदाई भी है।

पर ऐसा नहीं है कि सिर्फ गलत ही है फिल्मी दुनिया में ,लाखों परिवारों की आय का जरिया है।कितने छोटे मोटे किरदारों,लाइट मैन, कैमरा मैन,संगीत, नृत्य, कलाकारों के गुणों का भंडार से बनती है एक फिल्म।

बहुत अच्छे लोग भी है जो युवाओं को आगे बढ़ाने में सहयोग देते है,जो प्रतिभा का सम्मान करते है,कला की इज्जत करते है।हम सब को ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए ।

ये पूरा का पूरा हमारे उपर है कि हम किसी को अंधाधुंध विश्वाश ना करे,लोगों की अच्छाई देखे,सही रास्ते पर चले,गलत का विरोध करें और सावधान रहें।









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