परिवार पालक़

Dedicate to all men who Full fill his family needs

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Varsha Abhishek jain
Varsha Abhishek jain 12 Jun, 2020 | 0 mins read

मेरे घर के अंदर से,हर रोज़ एक शेर निकलता है,

दुनिया की आपा धापी में,

सूरज की चिलचिलाती में,

बारिश भी हो तो फिकर नहीं

परिवार का पहिया चलता है,

मेरे घर के अंदर से हर रोज एक शेर निकलता है।

बाहर वायरस घूम रहा,

लेकिन घर भी तो चलाना है,

स्कूल की फीस में कमी नहीं

महीने का राशन लाना है,

घर की खुशियां लाने को हर रोज़ एक सख़्श निकलता है,

मेरे घर के अंदर से हर रोज़ एक शेर निकलता है।

©️®️ वर्षा अभिषेक जैन

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