आज सुबह से ही बादल घिरे हुए थे।लग ही रहा था शाम होते होते बारिश दस्तक देने वाली है।ओर रात होते होते बहुत तेज बारिश होने लगी।
कितने रूप है ना इस बारिश के।कितनी यादें ताजा हो जाती है।किसी को बचपन याद अा जाता है तो किसी को जवानी।
किसी के लिए बारिश ताज़गी देने वाला एहसास है,किसी के लिए मीठी पुहार ओर किसी के लिए बारिश के पानी में आंसू छुपाने का जरिया।
आज मन कुछ आलस भरा भी हो रहा था ।मन कर रहा था बस पति को आज रोक लू,बोल दूं आज मत जाओ दोस्त की पार्टी में, बस बारिश का आनंद लेते है कुछ पुराने दिन जी लेते है।लेकिन इन पांच वर्षों में अजीब सी दूरी अा गई है हमारे बीच।कहने को सब अच्छा ही है लेकिन शायद 10 साल से बच्चे के इंतजार में हम दोनों अपने आप में बंध गए है।
पहले तो बिना बोले ही अमन मेरी बात समझ लेते थे।अब तो खामोशी ही रह गई है हम दोनों के बीच।
बालकनी में खड़ी मैं पुरानी यादों में खो गई। बिजलियां चमक रही थी।तेज हवाएं चल रही है।याद है शादी के बाद की पहली बारिश कैसे रात के 11 बजे चोरी छिपे छत पर पहुंच गए थे।खूब मज़ा लिया था बारिश का।लेकिन अगले दिन दोनों के जुखाम ने हम दोनों की चोरी की पोल खोल दी।बारिश की एक बूंद जो मेरे चेहरे पर गिरी पुरानी यादों से निकाल कर वर्तमान में ला खड़ा कर दिया।जल्दी जल्दी कपड़े उतारने लगी।
कमला अदरक की चाय बना ले।तीन कप बना लेना।
"इतनी रात को, बीबी जी तीन क्यों"
बारिश का मौसम है।तू भी पी लेना।
इस मौसम में अकेले चाय का मज़ा नहीं आता। मैं खुद से ही बोली।
एक बार तो बारिश में हम लोग ड्राइव पर निकल पड़े।रास्ते में गाड़ी खराब हो गई। चारो तरफ घोर अंधेरा , आते इतनी देर हो गई थी घर के सब लोग घबरा गए थे फोन का नेटवर्क बंद जो पड़ गया था,अम्मा जी ने क्या डांट लगाई थी उस दिन।हम दोनों को ही बहुत पसंद है प्रकृति के साथ वक्त बिताने का।"आज मौसम बड़ा बेईमान है बड़ा बेईमान है" हां यही तो पसंदीदा गीत था अमन का।कितना छेड़ते थे मुझे इस गाने से।एक मीठी मुस्कान मेरे होटों पर तेर गई।
कितनी बार ऑफिस से जल्दी घर अा जाते थे अमन ,कितनी बार जबरदस्ती मुझे भेजना पड़ता था जाना ही नहीं चाहते थे बस बारिश का बहाना। ह्म्म काश...".
" बीबी जी चाय "
कमला फिर से मुझे वर्तमान में ले आती हैं।
तू भी ले ले चाय।ओर एक ही कप क्यों लेके अाई है।एक कप चाय ओर ले अा,साथ के एक प्लेट भी लेते अा।
प्लेट में क्या लेके आऊ ।कमला ने आश्चर्य से पूछा।
कुछ नहीं खाली प्लेट ओर दो कप चाय ले अा।
कमला सोचती है शायद बारिश के मौसम में मेरे दिमाग को काम करना बंद कर दिया है।
कमला खाली प्लेट ओर दो कप चाय रख देती है ओर मुझे अजीब नज़रों से देखती है।
कमला ध्यान कहां है तेरा कब से घंटी बज रही है दरवाज़ा नहीं खोलेगी क्या।चल मैं ही खोल देती हूं ।तू जा जाके चाय पी ले।
दरवाज़े पर अमन थे ।लगता है आज फिर बहाना मार कर पार्टी बीच में छोड़ घर आ गए।
चाय तैयार है अमन ,आप समोसे तो लाए ही है।
तुम्हें कैसे पता मैं आने वाला हूं ,वो भी समोसे के साथ।
बारिश अमन अपनी बारिश। मुझे पता था इस बारिश ने जो याद मेरे दिल में जगाई है वहीं प्यार आपको भी याद आया होगा।ये बारिश अपने लिए ही तो अाई है अमन।
सच बोल रही हो तुम , कितने सावन हमने साथ में गुजारे है कभी प्यार से कभी लड़ाई से कभी दूरी से।लेकिन आज की ये बारिश अपने प्यार को फिर से ताज़गी देने के लिए ही अाई है।हमारे जीवन में नया फूल खिलाने,जिंदगी को फिर से खुशियों से महका देने वाली बारिश।
"आज मौसम बड़ा बेईमान है बड़ा बेईमान है....गुनगुनाते हुए अमन ओर मैं घर के छत पर अा गए।फिर से बारिश में भीगने को। ना ना प्यार में भीगने को।बारिश की वो रात डरावनी नहीं यादगार रात बन गई
वर्षा अभिषेक जैन
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सुंदर कथा
Thank you
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