“Nightingale of India” - Sarojini Naidu
Published By Paperwiff
Wed, Feb 8, 2023 3:29 PM
आज़ादी की लड़ाई में लिया जाने वाला एक अहम् नाम"सरोजिनी नायडू" जो कि नारीवादी, राजनीतिक कार्यकर्ता, कवयित्री और राष्ट्रपति बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
वह इतनी खूबसूरती से अपनी कविताएँ गाया करती थीं कि उनको भारतीय कोकिला कहा जाने लगा। इन्होंने अपनी पहली कविता 13 साल की उम्र में लिखी थी।
इनका जन्म 13 फ़रवरी 1879 मे हैदराबाद में हुआ। इनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय बहुत ही नामी विद्वान थें और इनकी माँ बराडा सुंदरी देवी कवयित्री थीं और बांग्ला में लिखती थीं।
इन्होंने शिक्षा किंग्स कॉलेज लंदन, गिरटन कॉलेज और St. जॉजर्स विद्यालय से प्राप्त की। वे 1895 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैंड गईं और साथ-साथ कविताएँ भी लिखती रहीं। उनका पहला कविता संग्रह गोल्डन थ्रेशोल्ड दूसरा बर्ड ऑफ टाईम तथा तीसरा कविता संग्रह ब्रोकन विंग था जो कि इतना प्रसिद्ध हुआ कि वे बहुत मशहूर कवयित्री बन गईं।
फिर उन्होंने 1898 में गोविंदराजुलू नायडू से विवाह किया यह विवाह अंतर-जातिया विवाह था जिसकी अनुमति उस समय समाज नहीं दिया करता था फिर भी दोनों परिवार इस शादी से सहमत थें।
1914 में सरोजिनी नायडू इंग्लैंड में पहली बार गाँधी जी से मिलीं और उनके विचारों से प्रभावित होकर देश के लिए समर्पित हो गईं। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व किया और जेल भी गयीं। वे गाँव-गाँव घूमा करतीं और देश वासियों को देश के लिए कर्म करने के लिये प्रेरित करती रहतीं।
उन्हें बहुत सारी भाषाओं का ज्ञान था इसलिए वे क्षेत्र के अनुसार अपना भाषण अंग्रेजी, हिन्दी, गुजराती या बांग्ला में दिया करतीं। अपनी प्रतिभा से वे कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षा बनीं और 1932 में भारत की प्रतिनिधि बनकर दक्षिण अफ्रीका भी गईं। आज़ाद भारत में वे उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल बनीं।
2 मार्च 1949 में उनका देहांत हो गया और उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया।
-फ़िरदौस (paperwiff)