ऊर्जा का रूपांतरण और नवरात्रि के नौ दिन

ऊर्जा का रूपांतरण और नवरात्रि के नौ दिन Paperwiff के साथ

Published By Paperwiff

Thu, Sep 25, 2025 10:39 PM

ऊर्जा का रूपांतरण और नवरात्रि के नौ दिन

भौतिक विज्ञान का एक सिद्धांत कहता है— “Energy can neither be created nor destroyed, it only transforms from one form to another.” (ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है, और न ही नष्ट, ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदलती है)

यह ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy) है।

आपने अपने आसपास देखा होगा —

* जब हम कोई ईंधन जलाते हैं तो उसकी कैमिकल एनर्जी, गर्मी और रोशनी में बदल जाती है।

* बल्ब में जो बिजली हम देते हैं, वो भी रोशनी और गर्मी में बदल जाती है।

इतना ही नहीं हम जो भोजन खाते हैं, वह भी ऊर्जा में बदल जाता है, उसी से हमें कार्य करने की ताकत मिलती है।

ये रोजमर्रा की बहुत छोटी छोटी बातें हैं जिनसे हम ऊर्जा के इस सिद्धांत को समझ सकते हैं। कि ऊर्जा कभी खत्म नहीं होती, वह केवल रूप बदल लेती है।

ठीक इसी तरह हमारा पूरा जीवन भी ऊर्जा पर ही आधारित है। हमारे विचार, भावना और क्रिया सब energy हैं। अगर हम गौर से देंखें तो पायेंगे कि नकारात्मक विचार हमें, हमेशा कमी के अहसास में ले जाते हैं, इसके विपरीत सकारात्मक विचार हमें परिपूर्णता का अहसास कराते हैं और खुशी देते हैं।

इसी सच को हमारे सामने लाता है नवरात्रि का ये पर्व, ये नौ दिन का समय और इस समय किये जाने वाले रिति- रिवाज़, व्रत उपवास, पूजा-पाठ आदि सब हमारी चेतना को ऊपर उठाने के लिए बनायें गये हैं। अगर हम अपने पारंपरिक तरीकों को अपनाकर इन नौ दिनों में नियम से सात्विक भोजन और साधना करते हैं तो हमारी सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है, हमारा आत्मबल दृढ़ होता है और हम अपने विकारों से ऊपर उठते हैं, इस तरह हमारा विकास होता है। हम कह सकते हैं कि विकार, विकास में परिवर्तित हो जाते हैं। इन नौ दिनों में हमारी चेतना नकारात्मक से सकारात्मक हो जाती है और भौतिक ऊर्जा, आध्यात्मिक ऊर्जा में बदल जाती है।

माँ दुर्गा की उपासना हमें सिखाती है कि ईर्ष्या, आलस, भय और क्रोध जैसी नकारात्मक शक्तियों को हम साहस, भक्ति और प्रेम में आसानी से कैसे बदल सकते हैं। इसमें हमारी संकल्प शक्ति काम करती हैं, जब हम नियमों का पालन करते हैं, अनुशासित दिनचर्या अपनाते हैं, और देवी दुर्गा का ध्यान करते हैं तो सारी नकारात्मकता, सकारात्मकता में बदल जाती है।

इसके अलावा नौ दिनों का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि हमारी असली शक्ति बाहर कहीं नहीं है, वो हमारे ही भीतर है।

विज्ञान इस बात की पुष्टि करता है कि ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है, मौसम बदलने पर मनायें जानें वाला नवरात्रि का यह पर्व हमें हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा से मिलवाता है। और बताता है कि ऊर्जा को सही दिशा में लगाना कितना जरूरी है। हम कह सकते हैं कि नवरात्रि, ऊर्जा के सकारात्मक रूपांतरण का पर्व है।

यही वह समय है जब हम अपनी चेतना को ऊँचा उठाकर, जीवन को प्रकाश और ऊर्जा से भर सकते हैं।

तो आइए इस नवरात्रि, अपनी चेतना को सही मायने में ऊपर उठाएँ, अपने आत्मबल को बढ़ायें और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दें।और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

आप सभी को नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं | 🌺 🙏