रियलिटी टेलीविजन के साथ सांस्कृतिक बदलाव

समाज में बदलाव का कारण वास्तविक टेलीविजन

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Avanti Srivastav
Avanti Srivastav 15 May, 2022 | 1 min read



रियलिटी शो ऐसे प्रसारित होने वाले कार्यक्रम होते हैं इसमें सामान्यतः किसी सम्मान या पुरस्कार प्राप्त करने के उद्देश्य से इस में भाग लेने वाले प्रतिभागी अपनी कला और योग्यता का प्रदर्शन करते हैं।

यह पटकथा आधारित ना होकर नियमावली अथवा शर्तों पर आधारित होते हैं जहां अगर परफॉर्मेंस के बीच कोई प्रतिभागी भटक जाए या गलती करें तो उसे दोबारा करने के लिए मौका नहीं मिलता ज्यों का त्यों दर्शकों को दिखाया जाता है इस श्रेणी में कई शो आते हैं जैसे सारेगामापा , इंडियन आईडल, सुपर डांसर , डांस इंडिया डांस, बिग बॉस, कॉमेडी सर्कस , कपिल शर्मा शो, इंडिया गॉट टैलेंट आदि।

लोगों का मानना होता है कि रियलिटी टेलीविजन में सीधा शूटिंग होती है बिना किसी रिहर्सल के बगैर यह एक भ्रम मात्र ही है क्योंकि दर्शकों को मिर्च मसाला लगाकर परोसे जाते हैं ऐसे कार्यक्रम।

जहां एक और रियलिटी शो जो नृत्य व संगीत पर आधारित है उन्होंने कई नए उभरते कलाकारों को मंच प्रदान किया वह रातों-रात सितारा हैसियत भी प्रदान कर दी।


इसी को पाने के लिए लोग या प्रतिभागी अब किसी भी हद तक जा रहे हैं । आजकल शो हिट करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। अश्लीलता परोसी जा रही है बिना हिचक अंतरंग दृश्य दिखाए जा रहे हैं यहां तक कि स्वयंवर आयोजन भी कराया जा रहा है। लोग अब विवाह व सुहागरात भी वास्तविक टेलीविजन में प्रसारित करने के लिए उतावले हैं।

पता नहीं कहां से लोगों के मन में यह बात घर कर गई कि अगर शो हिट करना है तो अतिरेक का सहारा लिया जाए। ऐसा कुछ उल जलूल दिखाया जाए जिस की दर्शक ने कभी कल्पना ही नहीं की हो और इसलिए जो समाज में चलन में नहीं वह करो!

अपशब्द कहो ! अभद्र व्यवहार करो... किसी भी टास्क को पूरा नियम से ना करो, स्वार्थी बन बस अपना सोचो इस श्रेणी के कुछ कार्यक्रम है बिग बॉस , रोडी और स्प्लिट्सविला यह शो इन्हीं मापदंडों पर चलते हैं।


इन शोज़ के प्रतिभागियों को देखकर तो मेरे मन में विचार आता है कि यह लोग बिना परिवारों के हैं क्या? इनके परिवार वाले ऐसे अभद्र और अपशब्द बोलने पर कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं देते , जहां मुझे मेरी मां से केवल "पागल हो" कहने पर न जाने कितनी डांट पड़ती थी।


दर्शक वर्ग पहले जिज्ञासा वश फिर शॉक में इन कार्यक्रमों को देखने लगा। अब समाज में इस तरह के कार्यक्रमों का परिणाम भी दिखने लगा है। अगर हम गौर से युवा पीढ़ी की भाषा देखें तो वह बेहद अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं और अपशब्द बोलना तो जैसे सामान्य बात हो गई है। अभी हाल में ही बिग बॉस विजेता तेजस्विनी प्रकाश ने एक टास्क के तहत अपनी से प्रतिभागी को अपशब्द कहे उनके साथ बुरा व्यवहार किया इसके बावजूद वे बेहद पॉपुलर ही ना हुई बल्कि विनर भी बन गई यह क्या बताता है ?

यही कि सफलता के लिए कोई भी रास्ता अपनाओं कोई भी तिकड़म लगाओ....


कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए समाज का ताना-बाना व मर्यादा भंग कर रहे हैं ।ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी बढ़ जाती है उन्हें अपने बच्चों को इस तरह के कार्यक्रमों से दूर रखना होगा क्योंकि रिमोट आपके हाथ में है और आप इन कार्यक्रमों को नकार कर बता सकते हैं कि यह हमारे समाज का हिस्सा नहीं! यह हमारी संस्कृति नहीं!

 जब इन कार्यक्रमों की टीआरपी रेटिंग कम होगी तब ही ऐसे शो बनने बंद होंगे।





स्वरचित व मौलिक

अवंति श्रीवास्तव 

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Avanti Srivastav

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