Avanti Srivastav
19 Jul, 2021
मन भीगे
एक ठंडी बूंद कपाल पर मचली पूरा दृश्य उभर आया "बादल बाबा आए रिमझिम पानी लाए" के गीत के साथ बरसात का स्वागत होता, बस्ती के बच्चों संग बारिश में भीगना, जो ना नुकर करें उसे खींच कर भिगोना....उस पल में पहुंकर मन भीगने लगा...." पापा जी....मैं जा रही हूं ऑफिस .....सोनू सो रहा है ,घर के बाहर फैली बर्फ हटा देना नहीं तो फाइन लगेगा"
"अच्छा बेटा! " एक लंबी सांस खींची ,बोस्टन शहर में , कहां मानसून वाली बारिश ! जो नई खुशियों को अंकुरित करे यहां तो बर्फ गिरती है रिश्तों के ऊपर
Paperwiff
by avantisrivastav
19 Jul, 2021
बारिश की कहानियां
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