अनोखा बंधन

राखी प्रेम और शौहार्द लाये।

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Ashutosh kumar  Jha
Ashutosh kumar Jha 02 Aug, 2020 | 1 min read

बहन भाई का अनोखा प्रेम बंधनजिसे कहते है सभी रक्षा बंधन।

धागा नहीं यह प्रेम विश्वास की डोर

दोनो दो किनारे फिर भी प्रेम बडजोर।

आशा निराशा का यह जीवन चक्र है 

फिर भी भाई बहन को कहाँ फर्क है।

दोनो का स्नेह प्रगाढ़ यह संस्कृति है 

हम भारतवासी की यही शक्ति भी है।

दोनों करते है कामना एक दूजे के लिए 

यही बस विश्वास है जिन्दगी के लिए।

जीवन अनोखा है कब रूके किसे पता

जब तक चले बांटते चलो खुशियाँ सारा।

जो आज बीत रहा वह फिर न आएगा 

कैद कर लो सारी खुशीयो का नजारा।।

खूब खाओ खूब खिलाओ बांटो प्रेम सभी

आशु दे बधाई पर्व मनाओ खुशी से सभी

राखी लाया प्रेम

राखी लाया प्रेम


                    आशुतोष

                   पटना बिहार 



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Ashutosh kumar Jha

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