देश के लोगों के साथ सीधे जुड़कर मन की बात कार्यक्रम सभी को नई जानकारी के साथ ऊर्जा प्रदान कर रहा है।इसकी शूरूआत ठीक वैसे ही है जैसे जनता दरबार फर्क सिर्फ इतना है कि इसका माध्यम सीधा न होकर सूचना और तकनीक के जरिये है जिसे आज पूरे देश के लोग सुनते हैं।इसकी शूरूआत 2014 में हुई जो आज युवाओ के लिए प्रेरणा प्रद हो चुकी है।
हमारी संस्कृति, साहित्य, इतिहास, परम्परा, खान-पान काम की तरक्की, विभिन्न तरह के प्रदेशो से जुडी अनेक बातों, वन्य जीव, पशु-पक्षी, ज्ञान-विज्ञान कृषि-किसान, स्वास्थ्य, शिक्षा-परीक्षा के लिए ज्ञान के साथ अनेक टिप्स माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिये जाते हैं उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से एक प्रखर शिक्षक की तरह देश के सभी वर्गो के लिए अपने अनुभव और विवेक से सींच रहे हैं जो आने वाले वर्षो में काफी फल देने वाला है।
पिछले छः वर्षों से लगातार महत्वपूर्ण जानकारियाँ उन्होंने साझा की जिसमें विविधता से भरे इस देश को हुनर हाट, खान-पान प्रदेशो के रहन सहन,इसरो की उपलब्धियो, दूसरे चंद्रयान में अपने अनुभव, वन्य-जीव पशु-पक्षी लुप्त तथा खोज की गयी प्राणियों तथा भविष्य में सोलर ईंधन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला वह अविस्मरणीय है।
ज्ञान बाँटने से बढ़ता है जैसा कि हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी कहते रहे हैं। अपने देश की तमाम जानकारियाँ शेयर कर खुद एक संवाद करते हैं ।ऐसा ही एक आयोजन प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री करने लगे तो प्रदेश के लोगो को अपने राज्य और दूसरे राज्यों की वृहत जानकारी और कार्य की जानकारियाँ मिलेगी एक संवाद की व्यवस्था आएगी अपने क्षेत्र की गौरव अनुभूतियों को लोग बारिकी से जानेंगे समझेंगे।हर वो छोटी बडी जानकारी से लोग स्वंय ही परिचित होते रहेंगे।खैर ये मेरी एक कल्पना मात्र है भविष्य की योजना तो सरकारें बनाती है । लेकिन आशा तो जगी है कि भविष्य में राज्यों से भी मन की बात की जा सकती है।
आज देश का प्रत्येक राज्य मंदी और वेरोजगारी से जूझ रहा है।ऐसे में एक वेहतर संवाद और कनेक्टिविटी की जरूरत है, जो इस समस्या से निजात दिलाने का अवसर हो सकते है।आपत्ति को अवसर में बदलने का सपना जो हमारे प्रधानमंत्री ने हम सब के लिए देखे है उसे एक वेहतर इच्छा शक्ति की जरूरत है जो राज्य सरकारों को एक अवसर देगा और लोगों को जानकरी।
सूचना के बढते इस दौर में सभी को हर प्रकार की जानकारी देकर ही जागरूक किया जा सकता है पहले लोग अपने परिवार को जानेगे फिर गाँव फिर पंचायत फिर ब्लाॅक फिर जिला फिर राज्य फिर देश।सूचना के क्षेत्र के लिए इस प्रकार के चेन देने के लिए आवश्यक है कि राज्य स्तर पर भी मन की बात की शूरूआत हो जिससे कि सभी अपने क्षेत्र के विविधता और सुखद स्थिति से अवगत होते रहें और देश में एक भावना विकसित हो जो सिर्फ प्रेरणा दे कि देश हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत बना रहे।
मन की बात
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मन की बात
सभ्यता संस्कृति एकता
युवा कल्याण की बात।
बात है शूरूआत की
बढते दुख पर हाथ की
जिसके साक्ष्य देश के
करोड़ो सुनने वाले
वही आगे जाने वाले।
बात है ज्ञान की
सबके उत्थान की
लोक कल्याण की
बढ़ते भारत की शान की।
बात है विज्ञान की
इसरो की बढ़ती पहचान की
बात है गर्व की
अदम्य साहस पराक्रम की।
बात है विविधता में एकता की
वेशभूषा खान पान की
हुनरमंद के पहचान की
बात है एक भारत श्रेष्ठ भारत की।
बात है पशु पक्षी की
लुप्त होते प्रजाति की
खोज होते नये नये जीवो की
यही तो ज्ञान है
मन की बात पर ध्यान है।
बात है सोलर इनर्जी की
अपने लिए कुछ कर जाने की
रोज नये नये आयाम की
समेटकर मन से मन की बात की।
बात है खान पान हाट की
निखारे बिना जात पात की
कला धरोहर के पहचान की
मन की बात से बढ़ते विस्तार की।
आशुतोष
पटना बिहार

Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
जागरूकता के लिए चंद शब्द लिखकर एक सुन्दर अनुभूति मिलती है ।
बहुत खूब सर.संदेशपरक सृजन
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