Ashutosh kumar Jha
10 Aug, 2020
खाली गगरी
बूँद बूँद शीत की
सर्द हवा ठंढ की
भारी मन बात की
अधूरे रस्म प्रेम की।।
डगर है सूनी सूनी
नगर है सूनी सूनी
घर है खाली खाली
राज खोले मन की
राज खोले मन की ।।
आशुतोष पटना बिहार
Paperwiff
by ashutoshjha
10 Aug, 2020
एक अनुभव खाली गगरी।
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