Arijit Pattanayak
28 Aug, 2022
अब मेरी महोबत तेरी पैरों की जंजीर न बनेगी
|| अब मेरी महोबत तेरी पैरों की जंजीर न बनेगी ||
अब मेरे चेहरे पर बो पहले बाली खुशी नहीं मिलेगी,
तुझे देख कर जो खिलती थी बो हंसी अब नहीं खिलेगी।
अब नहीं करेगा सजदा मेरी आंखे झुककर तुझ को,
अब मेरी महोबत तेरी पैरों की जंजीर न बनेगी।।
बीरान रहेगा तेरे बाद हमेशा मेरा ये दिल का मौसम,
अब इसमें कोई भी फिज़ा इश्क की नहीं बहेगी।
अगर तेरी मंजिल कोई और है मेरी महबूब,
फिर तेरे ये महबूबा तुझे रुक ने को नहीं कहेगी।
इसी दुनिया में चाहे किसके भी साथ कहीं भी रहे तू,मेरी ये धड़कन हमेशा तेरी ही नाम से चलेगी।।
जिऊंगा सारी उम्र सिर्फ तेरी आशिक बनकर मैं,मेरा हर एक शाम सिर्फ तेरी इंतजार मैं ढलेगी।।
अब नहीं करेगा सजदा मेरी आंखे झुककर तुझ को,
अब मेरी महोबत तेरी पैरों की जंजीर न बनेगी।।।
Paperwiff
by arijitpattanayak
28 Aug, 2022
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