रंग

एक मनभावन प्रेम कहानी

Originally published in hi
Reactions 4
583
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 19 Apr, 2021 | 1 min read
#short_story

'मुझे मेरी मोरनी वापस चाहिए बस'

'लंगड़ी मोरनी?' रितु ने कहा... मुझे किसी की दया नहीं चाहिए।

'पर मुझे तो चाहिए।'

'बच्चों जैसी बातें मत करो राघव' 

'तो इस बच्चे की बात मान क्यों नहीं लेतीं?' राघव बच्चों की तरह ठुनका।

'उफ़्फ़् राघव'

'अगर यही दुर्घटना मेरे साथ होती तो भी तुम यही कहतीं?'राघव के स्वर में गंभीरता थी।रितु ने आँखें उठाईं।राघव की आँखों में अथाह प्रेम लहरा रहा था।

'सिरफिरे हो तुम' रितु ने सिर झुकाए सहमति के स्वर में कहा।'

'सिरफ़िरा ही सही, तेरा हूँ सोणिए' राघव खिलखिला पड़ा।

और चारों ओर इंद्रधनुषी रंग बिखर गए।

©अर्चना आनंद भारती

4 likes

Published By

ARCHANA ANAND

archana2jhs

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    Bhut Sundar

  • Shubhangani Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    Lovely

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    हार्दिक आभार दोस्त @Sonnu Lamba 💗

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    हार्दिक आभार मैम @Shubhangini Sharma 💗

Please Login or Create a free account to comment.