दिल की भाषा हिन्दी

रोटी की भाषा जो भी हो ,दिल की भाषा बस हिन्दी है ...ये कविता मात्र कविता नहीं ,एक समर्पण गीत है उस माँ के लिए जिसे हम हिन्दी कहते हैं।पढ़िएगा ज़रूर 😊💞

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ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 14 Sep, 2020 | 1 min read
#poetryblast

प्रभु का करना हो गर वंदन

या फिर अपनों का अभिवादन

जो मुख पर आए अनायास

वह पहली भाषा हिन्दी है


शिशु के होठों का पहला स्वर

जीवन का पहला हस्ताक्षर

जो सुना और सीखा हमने

वह पहली भाषा हिन्दी है


मन के भावों का मीत यही

माँ की लोरी का शब्द यही

जिसमें देती माँ शुभाशीष

वह पहली भाषा हिन्दी है


जिसमें हँसना रोना सीखा

मन की बातें करना सीखा

प्रेम की पहली वार्ता का

वह सुंंदर माध्यम हिन्दी है


निज भाषा यह,अभियान यही

अपनी तो है पहचान यही 

रोटी की भाषा जो भी हो

दिल की भाषा बस हिन्दी है !


©अर्चना आनंद भारती


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ARCHANA ANAND

archana2jhs

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • udit jain · 4 years ago last edited 4 years ago

    👌👌👌👌

  • Kavita Singh · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत सुंदर

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    प्यारी रचना👌👌

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद @udit jain 😊

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत आभार @Kavita Singh 💞

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    स्नेहिल आभार प्रिय अनुज @Kumar Sandeep💞

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं 🙏

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    तुम्हें भी ढेरों शुभकामनाएँ मित्र... हमारा हर दिन हिन्दी दिवस है 💞💞

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