ओ री क्रांति

वो बेरंग श्रमिक कभी नहीं जान पाएगा कि उसके नाम पर शुरू हुई क्रांति

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ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 06 Jul, 2020 | 0 mins read
#Social issues

होटल के पीछे

नलके के नीचे

बरतन मांजता वह बालक

कभी नहीं जान पाएगा

उसके मौलिक अधिकार

मेरे सामने की इमारत में रंग भरता

रस्सी से झूलता

वह बेरंग श्रमिक

कभी नहीं समझ पाएगा कि

उसके नाम पर शुरू हुई क्रांति

कैसे पंचसितारा होटलों का

मार्ग तय करती हुई बंद हो जाएगी

किसी बड़े सेठ की तिजोरी में

पर क्रांति ! तुम तो यह सब

जानती हो न ?

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ARCHANA ANAND

archana2jhs

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