पति-ज़रा पपीता काटना तो!
पत्नी-अभी लाई
पति-(खाते और बुराईयाँ निकालते हुए)
''कहा था ना पपीता फ़्रिज में मत डालो,देखो कच्चा रह गया न!''
पत्नी-"हाँ, बाहर रख देती तो वैसे ही सड़ जाता जैसे आँवले सड़ गए थे।तुम्हारे कहने पर ही बाहर रखे थे।"
पति-"आँवले इसलिए सड़े क्योंकि तुम्हें हेल्दी चीज़ें इस्तेमाल करना नहीं आता।"
फिर...झगड़ा और तूतू-मैंमैं
पत्नी-(आँखों में आँसू लिए)
"अब इतने बुरे दिन आ गए हैं कि हम पपीते पर लड़ें?"
...और झगड़ा शांत।
मॉरल ऑव द स्टोरी-झगड़ा करने के लिए किसी विषय का होना ज़रूरी नहीं, आप पति-पत्नी हों,इतना ही काफ़ी है।
©अर्चना आनंद भारती
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
hahahaha... 😛
शुक्रिया दोस्त 😌
Badhiya
धन्यवाद ❤
Please Login or Create a free account to comment.