बरमूडा त्रिकोण

जैसे लेता हो आकार कोई कन्या भ्रूण किसी अंधेरे प्रसूतिगृह में उपेक्षित पड़ी माता के गर्भ में... यदि आप कविताएं पढ़ने का शौक रखते हैं तो इसे ज़रूर पढ़ें 😊

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ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 09 Sep, 2020 | 1 min read
#poetryblast

हृदय के अंदर होता है एक गहरा समुद्र

और उसके खूब गहरे भीतर

एक दुखों का बरमूडा त्रिकोण

जहाँ नहीं होता संभव किसी का प्रवेश

ठीक वहीं उठते हैं व्यथा के बुलबुले

ले लेते हैं आकार कविता का

जैसे लेता हो आकार कोई कन्या भ्रूण

किसी अंधेरे प्रसूतिगृह में

उपेक्षित पड़ी माता के गर्भ में

कविताएँ दरअसल 

व्यथा की पाली स्त्रियाँ हैं!

©अर्चना आनंद भारती

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