ARCHANA ANAND
17 May, 2021
ख़्याल रखना
बरबादियों का ये मंज़र गुज़र जाएगा
ढलेगी रात, सूरज निकल आएगा
ये जो दर्द साझा है न, बाँट लेंगे
इशारों से कर लेंगे बातें
आँखों से मुस्कुरा लेंगे
तुम जो हो तो ज़िन्दगी है
मेरी ज़िन्दगी, अपना ख़्याल रखना!
© अर्चना आनंद भारती
Paperwiff
by archana2jhs
17 May, 2021
प्रेरक लघुकथन
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.