25 साल हो गए आज DDLJ को
हमारे बड़े हुए भी 25 हो गए..
क्योंकि इसी मूवी से हीरो हीरोइन समझ आए प्यार समझ आया।अनगिनत बार देखी। +2 तक बारिश में भींग कर गाने गाए" मेरे ख्वाबो में जो आए"
"ऐसा पहली बार हुआ है
सत्रह अठारह सालों में
अनदेखा अनजान कोई
आने लगा ख्यालों में
उसकी सांसें रेशम जैसी
गालों को सहलाती हैं
उसके हाथों की खुशबू है
अब तक मेरे बालो में
" कविता काजोल ने पढ़ी थी उसी गाने से पहले
जिसेजबानी याद कर लिया..
सुंदर परिवार का माहौल देश की मिट्टी ।प्रेम के नए आदर्श गढ़ती प्रेम कहानी।
जिसमें बिना अभिभावक के मर्जी से प्रेम में पड़कर भी जोड़े शादी नही करते।
मर्यादा प्रेम और परिवार के इस फ्रेम को
कौन भूल सकता है।?
अपने जीवन मे प्रेम परिवार मर्यादा को जीते हुए25 साल में इत्तता कुछ कर लिया जी लिया..जैसे जीवन भी 16 से 25 की गम्भीरता वाला हुआ।
इस फिल्म से शुरुआत हुए प्यार दोस्ती के नाम के अब.. तो खैर उम्र के इस पड़ाव में
सारी हरकतें बचकानी लगती हैं।
या कुछ बचा ही नही करने को ये लगता।
*
प्रेम में पड़े लोग नही बल्कि प्रेम से तृप्त विरक्त लोग क्या करते अब ये जानने का मन होता है।
*
DDLJ को सुनहरा सिल्वर जुबली खूब मुबारक
ऐसी फिल्में सदैव बनती रहनी चाहिए।जो मनोरंजन के साथ प्रेरणा भी दे ।अभिभावक से जुड़ने को उनकी मर्जी के सम्मान सिखाए।
और इसी के साथ मुझे जीवन के सुनहरे ग्रे हर रँग के अनुभवों से भरपूर 25 बरस की समझ मुबारक।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत ही उम्दा... बहुत कुछ याद आ गया हमें भी, गुजरे जमाने से..!
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