तभी तो यमदूत बन गया

Pati patni ki nao jhok

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Ankit Sengar #kavyakahani
Ankit Sengar #kavyakahani 02 Jul, 2022 | 1 min read

खुले आसमान के नीचे छत पे पड़ा हूं

थोड़ा गुमसुम सा हूं थोड़ा हस रहा हूं

यादें पुरानी ताजा हो रही

पहले मैं ज्ञान देता था, आजकल उसका सुन रहा हूं

तभी जोश जगा पुराना वाला

नहीं सुनूगा उसका ताना बाना

प्रतिज्ञा ली ही थी की धुआं छुट गया

नीचे से एक आवाज आई और दिल टूट गया

अभी तो अंकित हुआ ही था बुलंदी पे झंडा मेरा

बीबी की एक आवाज पर सारा जोश हुआ ठंडा मेरा

अंततः हम भीष्म प्रतिज्ञा से बाहर निकल गए

जी तो कर रहा लगा दे मिला के, पर हम बाल सहला के संभाल गए

वो पूछ रही थी बार बार "मोटी हो गई हूं क्या ?""

अरे बिकुल नही तुम तो आज भी 16 साल की कमसन काली हो" ऐसे कह प्राण संभल गए

मेरे इस पाप को देख यमदूत भी हस गया

बोला सही किया तूने, की थी सच कह मैने गलती

तभी तो मैं यमदूत बन गया ।

–अकित सेंगर (#kavyakahani )

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