काबिल

मेरी यादों में है वो पल...

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Anita Bhardwaj
Anita Bhardwaj 04 Feb, 2021 | 0 mins read
#1000poems

मेरी यादों में,

वो याद अभी भी शामिल है,

जब तुमने किसी और का हाथ

थामकर कहा;ये ही मेरे काबिल है।

वो दिन भी भूली नहीं ,

जिस दिन मैं किसी काबिल की हुई,

तुमने कहा,क्या माफी का मौका मुझे हासिल है,

रोना तो चाहती थी तुम्हारी आंखों में आंसू देखकर

फिर दिल ने कहा,क्या ये तेरे आंसूओं के काबिल है!

ढूंढने की कोशिश मत करना मुझे कभी

अब बस तन्हाइयां ही तुम्हें हासिल हैं।

जिसके लिए छोड़ा था दामन मोहब्बत का,

उससे पूछना;क्या उसके अपनों में नाम तुम्हारा शामिल है,

पूछना फिर खुद से,क्या तू किसी के काबिल है!

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