भारत बंद
तुम्हारी बेटियों को नोचकर
जो पूजा का ढोंग रचाते हैं,
उनके घर से हर रिश्ता खत्म कर दो,
स्त्रियों ! कभी तुम भी तो भारत बंद कर दो!
तुम्हारे गर्भ में जो अजन्मी बेटी को मरवाते हैं,
फिर उसी कोख से बेटा पैदा करवाते है,
उनकी नस्लों की कभी तुम भी तो नसबंद कर दो,
स्त्रियों! कभी तुम भी तो भारत बंद कर दो।
तुम्हारी बेटी की पढ़ाई छुड़वाकर
जो झोंक देते हैं चूल्हे - चौके में,
कच्ची उम्र में बेटियों का मां बनना खत्म कर दो,
स्त्रियों! कभी तुम भी तो भारत बंद कर दो।
तुम्हारे साथ चलते हुए
जो निगाह टिकाते हैं दूसरी औरतों पर,
कभी किसी दूसरे पुरुष की तारीफ कर तुम भी तो उन्हें फिक्रमंद कर दो,
स्त्रियों! कभी तुम भी तो भारत बंद कर दो।
बेटी के दरिंदों को अब सामने लाओ,
इज्जत लूट गई शब्द बेटी के सिर से हटाकर,
इन दरिंदों की आबरू को भरे बाज़ार लुटाने का शुरू चलन कर दो,
स्त्रियों! कभी तुम भी तो भारत बंद कर दो।
दरिंदों के नाम से चलाओ खबरें
पीड़िता के कपड़ों पर शोध पत्र
छापना बंद कर दो,
स्त्रियों! कभी तुम भी तो भारत बंद कर दो।
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