पानी

क्या हो अगर स्त्री पानी के सारे गुण अपना ले

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Anita Bhardwaj
Anita Bhardwaj 23 Feb, 2021 | 1 min read
#1000poems

पानी भर आया आंख में,

जब गर्भ के अंकुर का पता चला;


फिर पानी आया सोचकर कहीं बेटी

हुई तो सास ना नाराज हो जाए;


बेटी पैदा हो गई तो खुशी का पानी मां की आंखों में,

दुख के पानी से गीली हुई दादी की आंखें,


बड़ी हुई तो सिखाया गया 

पानी पीकर भी गुजारा करना सीखो!


खुद को पानी सा ठंडा कर लो

पानी सा बहाव रखो,


मुंह में जुबान नहीं बस आंखों में पानी रखो,

पानी पानी सी हो गई ज़िन्दगी,


लोगों ने पानी समझ खूब धोए अपने पाप,

फिर पानी मैला है कह मोड़ लिया मुंह;


जब ठहरी रही बांधों के बीच तो पूजते थे,

अपनी मलीनता को मिटाने की खातिर बही;


जब बाढ़ बन निकली तो लोगों ने कहा

इसकी तो आंख का पानी ही मर गया है!!


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Anita Bhardwaj

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