विकलांग नहीं...

सिर्फ़ शब्दों से नहीं , संसाधन और साथ देने से हालात बदलेंगे

Originally published in hi
Reactions 1
573
Anita Bhardwaj
Anita Bhardwaj 03 Dec, 2020 | 1 min read
Capable Society Disable

हाथों की उंगलियां भी नहीं होती एक जैसी,

तो क्या हम उन्हें काट देते है,

जिस इंसान को ईश्वर ने नहीं बनाया दूसरों जैसा,

फिर क्यूं हम उन्हें अलग छांट देते हैं।

विकलांग कहा कभी, कभी दिव्यांग कह दिया,

समाज का अंग नहीं समझा कभी,

तो शब्द बदलने से होगा क्या?

तुम्हारी सहानुभूति नहीं,बस अपने हिस्से का संसार चाहिए,

मैं भी घूम सकूं,हंस सकूं,खेल सकूं,पढ़ सकूं,जी सकूं,

अपनी विशेष आवश्यकता के अनुरूप मिले मुझे भी संसाधन

बस इतना सा अधिकार चाहिए।

मुझे शब्दों से मत बहलाओ,

मुझे समाज का अंग समझकर प्यार चाहिए।

   अनीता भारद्वाज

1 likes

Published By

Anita Bhardwaj

anitabhardwaj

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.