anamika sharma
anamika sharma 19 Dec, 2020
उदासियां
तेरे चेहरे की नमकीन उदासियों में डूब कर मैंने जाना इश्क किसी से भी हो सकता है। उदासियां भी आकर्षक होती हैं ठीक वैसी ही जैसे अंधेरे में लिपटी रात, बादलों से घिरा चांद और आंसुओं में भीगी तुम्हारी पलकें।

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by anamikako9ie

19 Dec, 2020

तेरे चेहरे की नमकीन उदासियों में डूब कर मैंने जाना इश्क किसी से भी हो सकता है। उदासियां भी आकर्षक होती हैं ठीक वैसी ही जैसे अंधेरे में लिपटी रात, बादलों से घिरा चांद और आंसुओं में भीगी तुम्हारी पलकें। होंठों पर थिरकती ठहर कर कांपती अनकही उलझनें, आँखों की नमी सी एक गूढ रहस्य में बदल जाती है। तमाम उम्र इन रहस्यों को सुलझाना चाहता हूँ। तुम्हारी उदासियों को कैद कर सहेज लेना चाहता हूँ क्योंकि इन्हीं उदासियों ने मुझे तुम्हारा सबसे खुबसूरत रूप दिखलाया है। वादा नहीं करता उदासियों को दूर करने का पर तुम्हारी पलकों से गिरे हर आँसू को अपने सीने में छिपा लेने का बस यकीन दिला सकता हूँ।

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