Akhilesh Upadhyay
24 Jul, 2020
मोक्ष !
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कर्म भूमि पर जो डरे
उसका कथित संसार हो
कर्तव्य रथ पर जो चले
उसका नामित संचार हो
संकल्प - दृढ़ कर जो तरे
किस्मत गृहित लाचार हो
मद - मोह , लोभ.. ईर्ष्या में मरे
जीवन अन्तिम अधिभार हो।।
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by akhileshupadhyay
24 Jul, 2020
कर्म के बंधन से मुक्त होकर ईश्वर में विलीन होना ही इस सम्पूर्ण सृष्टि का आधार मात्र है।
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