Akhilesh  Upadhyay
Akhilesh Upadhyay 24 Jul, 2020
मोक्ष !
______________________________ कर्म भूमि पर जो डरे उसका कथित संसार हो कर्तव्य रथ पर जो चले उसका नामित संचार हो संकल्प - दृढ़ कर जो तरे किस्मत गृहित लाचार हो मद - मोह , लोभ.. ईर्ष्या में मरे जीवन अन्तिम अधिभार हो।। ______________________________

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by akhileshupadhyay

24 Jul, 2020

कर्म के बंधन से मुक्त होकर ईश्वर में विलीन होना ही इस सम्पूर्ण सृष्टि का आधार मात्र है।

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