"आज मौका अच्छा है। आज इसका बॉयफ्रेंड भी इसके साथ नहीं है। आज तो इसे लपेटे में ले ही लूँगा।" उस अकेली लड़की को प्लैटफॉर्म की बेंच पर बैठे देख उसके मन में विचार उमड़े।
हाथ मसलते हुए उसने एक कदम आगे बढ़ाया ही था कि उसके मन में दूसरा विचार कौंधा, "ये स्..साली रोज़ तो फोन से चिपक- चिपककर इतना चपर-चपर करती थी। पर आज यह सर झुकाकर उदास क्यों बैठी हुई है?" इस विचार ने उसके कदमों को रोक लिया।
तभी उसने एक तरफ से आते उसके बॉयफ्रेंड को देखा, जिसने आते ही उस लड़की को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया।
बगल की चाय की केबिन पर चलती टी.वी से एक फ़िल्म का डायलॉग उसके कानों में पड़ा,"अकेली लड़की मौका नहीं जिम्मेदारी होती है।" और उसकी मुट्ठीयाँ तन गयी।
अजय गोयल
गंगापुर सिटी
जिला-सवाईमाधोपुर (राज.)
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
संदेशप्रद लघुकथा👌👌हार्दिक स्वागत है सर आपका पुनीत पावन पेपरविफ्फ राइटिंग प्लेटफॉर्म पर।
Thanks...🙏🙏
Please Login or Create a free account to comment.