आशाएँ

A poem about believe and hope.

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Ajay goyal
Ajay goyal 20 Feb, 2021 | 0 mins read


धुंध है तो धूप भी होगी

थोड़ी नहीं बहुत खूब होगी

पेड़ों के झुरमुट में कहीं छिपी होगी

बादलों की ओट में कहीं सिमटी होगी

बेशक हर कदम पर यहाँ एक नया मोड़ है

पर कदम एक बढ़ा, बस यहीं एक तोड़ है

मुश्किलों के बादल छट जाएँगे सारे

और तेरी सिर्फ़ तेरी ही जीत होगी

धुंध है तो....

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Ajay goyal

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Comments

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  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    🙏✍️🙏

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