विज्ञापनों की दुनिया

A poem about the world of advertisements....

Originally published in hi
❤️ 1
💬 1
👁 723
Ajay goyal
Ajay goyal 22 Nov, 2021 | 1 min read

विज्ञापनों की दुनिया का अजब कमाल है,

आजकल विज्ञापनों में बड़ा माल है।

रियल से अधिक बुद्धू बक्से पर इन की भरमार है,

बहुत बड़ा इनका कारोबार है।

एक महिला दूसरी से यह पूछती नजर आती है,

बहन, उसकी साड़ी मेरी साड़ी से सफेद क्यों नजर आती है।

उत्तर मिलता है, बहन वह अपनी साड़ी में 'रिन' जो लगाती है।

बच्चा अपना टिफिन स्कूल से वापस ले आता है,

क्योंकि, उसका पेट तो 'पारले जी' से ही भर जाता है।

मि० शर्मा के ऑफिस में सब कर्मचारी बिजी पाए जाते हैं,

जब भी जाता हूं, सब अपना पीले बटन वाला 'स्टिक ईजी पेन' ढूंढते नजर आते हैं।

नहीं मिलने पर बेचारे शर्मा जी बेहाल हैं,

विज्ञापनों की दुनिया का अजब कमाल है।



1 likes

Support Ajay goyal

Please login to support the author.

Published By

Ajay goyal

ajaygoyal

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.