दिल में दर्द हो फिर भी गर मुस्कान बिखेरोगे,
सच कहता हूं, खुशियों के तुम सामान समेटोगे।
आंखों की पलकों पर चाहे, आंसू की कतरन हो,
दिल की अपनी धड़कन से चाहे, कितनी भी अनबन हो।
फिर भी रोते सिर को गर तुम अपना कांधा दे दोगे,
सच कहता हूं, दुनिया को अपने कदमों में कर लोगे।
सुख और दुःख के बादल तो आते-जाते हैं,
कुछ तो बरसे, कुछ बिन बरसे ही रह जाते हैं।
अंतस की चरखी पर चाहे, कितनी भी लिपटन हो,
जीवन की भीगी सड़कों पर चाहे, कितनी भी फिसलन हो।
सुख में भीगो और दुःख में गर, ढांढस का छाता तानोगे,
सच कहता हूं, अनमोल खजाना तुम पा लोगे।
क्षणिक असफलता से घबराकर, जो जीवन पथ से फिसला हो,
अन्तिम चिट्ठी रख तकिए नीचे, जो घर से निकला हो।
मिले कहीं वो गर तुमको, तो उसको जीवन ज्ञान करा देना,
बैठाकर अपने संग, जिंदादिली का एक जाम पिला देना।
ऐसी जिद रखकर गर जो तुम, एक मां का लाल बचा लोगे,
सच कहता हूं जीते जी तुम, जन्नत को पा लोगे।
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