Ajay goyal
09 Feb, 2021
#1000 poems (part 2)
नींद ने फिर आँखों से दूरियाँ बना ली
वक़्त तेजी से करवट बदलने लगा...
पर अचानक ही...
मेरे सपनों का महल यूँ टूटा
ना जाने दिलबर मेरा क्यूँ रूठा...
खताबार हूँ तो खता बता क्यूँ नहीं देते
मुझे मेरी खता की सजा क्यूँ नहीं देते...
मेरी जान ले लो, पर यूँ दिल तो ना तोड़ो
बीच मझधार में लाकर, यूँ तो ना छोड़ो...
कब तक यूँ ही मुझसे तुम रूठे रहोगे
कुछ तो बोलो.... कब तक चुप रहोगे???
Paperwiff
by ajaygoyal
09 Feb, 2021
#1000 poems
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