पूरी दुनिया में इस वक्त 500 अरब प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल हो रहा है। हर साल हम 8 मिलीयन टन प्लास्टिक कचरा अपने महासागरों में फेंक रहे हैं और तो और हम हर मिनट 1000000 प्लास्टिक की बोतलें खरीद रहे हैं। यह आंकड़े इसलिए भयानक है क्योंकि यही प्लास्टिक अब न केवल इंसानों के लिए बल्कि समूची पृथ्वी के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स की बात करें तो मोबाइल फोन, कंप्यूटर, टेलीविजन, आदि हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं परंतु जब हम आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल के लिए पुराने उपकरणों का उपयोग बंद कर देते हैं तब वे इलेक्ट्रॉनिक कचरा या ई-कचरा बन जाते हैं। इस कचरे को यदि सही तरह से समाप्त ना किया जाए तो वह पर्यावरण प्रदूषण का कारण बन जाता है। हमारे देश भारत की बात करें तो वह दुनिया के 5 सर्वाधिक ई-कचरा पैदा करने वाले देशों में शामिल हो गया है।
यह तो केवल प्लास्टिक एवं इलेक्ट्रॉनिक कचरे की बात थी परंतु ऐसे कई भयानक तत्व हैं जो हमारी धरती को दूषित कर रहे हैं साथ ही साथ उसे एक रहने अयोग्य स्थान बना रहे हैं, परंतु हमें समझना चाहिए की यह धरती हमारे लिए नहीं है बल्कि हम इस धरती के लिए हैं अतः इसे बचाने के लिए यथासंभव प्रयास करने चाहिए।
The Earth Doesn't Need Us, We Need The Earth
An informative article on " Save Earth "
Originally published in hi
Abhishek Singh Tomar
07 Jan, 2020 | 1 min read
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