बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद है हिंदी,
मूक मन का शंखनाद है हिंदी,
औरों के लिये है भाषा केवल,
परंतु हमारी बुनियाद है हिंदी,
दिमागों को अंग्रेज़ी ने लूटा,
पर दिलों में आबाद है हिंदी,
और भी हैं भाषाएँ परंतु,
निज से मन का संवाद है हिंदी,
सर्व-पुरातन, परम-पूजनीय,
माँ संस्कृत की औलाद है हिंदी,
आज के कथित यूवा वर्ग से,
पूछो कितनी याद है हिंदी?
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