तुम (Vallentine Contest )

This write-up is a description of my beloved in the form of poetry

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Abhishek Singh Tomar
Abhishek Singh Tomar 14 Feb, 2020 | 0 mins read

मुझसे कोई पूछता है तुम्हारे बारे में, तो मैं जवाब देता हूँ कि...,

जून की गर्मी में , ठंडी बयार हो तुम,

सुलगती धरती पर , हल्की बौछार हो तुम,

किसी भूखे की थाली में , सम्पूर्ण आहार हो तुम,

व्यापार की मंदी में , खुला बाज़ार हो तुम ,

डहती हुई बस्ती में , खड़ा मीनार हो तुम,

गम के आंगन में , खुशियों का त्यौहार हो तुम,

हिज्र की रुत में , दिलकश दीदार हो तुम,

किसी अनाथ के जीवन में , मांँ का दुलार हो तुम,

एक जटिल कहानी का , सरल सार हो तुम,

किसी ठोस चट्टान पर , पड़ी दरार हो तुम,

एक विधवा के अक्स पर , सोलह श्रृंगार हो तुम,

किसी नवजन्मे बच्चे की , पहली पुकार हो तुम,

ढ़लती उम्र में भी , सदाबहार हो तुम,

ये दुनिया है नफ़रत की..., एक सच्चा प्यार हो तुम ।

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Abhishek Singh Tomar

ajay802317

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