भारतीय नदी प्रणाली भारतीय लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । नदियां वनस्पति और जीवों का पोषण करती हैं और पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने का कार्य भी करती हैं।जैव विविधता नदी के अस्तित्व पर एक बड़ी हद तक निर्भर करती है। नदियों ने मछली पकड़ने और कृषि के रूप में बहुत से लोगों को आजीविका प्रदान की है। यही कारण है कि लगभग सभी महत्वपूर्ण भारतीय शहरों इन नदियों के किनारे स्थित हैं।
नदियों ने किसानों को अपने खेत सिंचाई और बिजली (जलविद्युत) उत्पन्न करने में मदद की। नदियों का भी परिवहन उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है जैसे कि माल परिवहन और एक शहर से दूसरे शहर तक। नदियों के कई अन्य उपयोग हैं जो गिर गए हैं मानव सभ्यता को बचाने के लिए, हमें नदियों को बचाने की आवश्यकता है।
औद्योगिक गतिविधियों और लोगों के धार्मिक विश्वासों के कारण, नदियों का पानी प्रदूषित होता जा रहा है। इंडस्ट्रीज नदियों में हानिकारक रसायनों, लवण और सीवेज को डंप करते हैं जो न केवल नदियों के पानी को पीने के लिए उपयुक्त नहीं बल्कि नहाने के लिए भी अयोग्य हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण, लोग विभिन्न अपशिष्टों को डंप करते हैं जो कि नदियों को विषाक्त बनाते हैं। इसलिए, नदियों को बचाने की बहुत बड़ी जरूरत है प्रदूषण से नदियों को बचाने के लिए और प्रदूषण से उन्हें ठीक करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
प्रदूषण से नदियों को रोकने के लिए जो कदम उठाए जा सकते हैं
पानी में कुछ डंपिंग नहीं करें
रिवर क्षेत्र को साफ रखने के लिए नगर निगमों के साथ समन्वय करना
नदियों के किनारे पर कूड़ेदान की व्यवस्था
नदियों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करें और उनकी स्वच्छता, विषय की शिक्षा दें।
नदियों में अपशिष्ट पदार्थों का निपटान रोकने के लिए उद्योगों से इनकार करें।
घरेलू रसायनों और दवाओं का ठीक से निपटारा होना चाहिए।
उपर्युक्त उपायों के अलावा ,समाज में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए, जिससे कि लोगों को नदियों की महत्वता का ज्ञान हो और प्रकृति के इस अमूल्य वरदान की सुरक्षा करने में अपना योगदान प्रदान कर सके।
पर्यावरण महत्व के अलावा भारत की नदियों में सांस्कृतिक और आध्यात्मिकता का महत्त्व भी है ।
जैसा कि विदित है ; गंगा और यमुना को भारत में
सबसे पवित्र नदियों में मन जाता है।गंगा बेसिन क्षेत्र की दृष्टि से सबसे बड़ी नदी है ,क्योकि यह ग्यारह उत्तरी भारतीय राज्यों में फैली है।
परिणाम स्वरूप ,भारत के कई तीर्थस्थल नदी के किनारे ही स्थित हैं। वही दूसरी तरफ देखा जाए तो हमारे देश का नाम भी एक नदी के नाम पर ही रखा गया है ।
अतः यह कहना अनुचित नही होगा की नदियाँ हमारे संस्कृति ,व इतिहास का आधार है।
इसलिये न केवल पर्यावरण अपितु ; संस्कृति की रक्षा हेतु नदियों की सुरक्षा अति आवश्यक है ।भविष्य में सभी जातियों का अस्तित्व बना रहे इसके लिए नदियों की सुरक्षा अनिवार्य है ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.