संबंध

धरा को मेह का आवरण एक संबंध की देन है जो है शीतलता और इष्ट सूर्य के मध्य का संबंध..

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Aadiramani
Aadiramani 10 Jul, 2022 | 0 mins read

प्रकाश और मेह का एक अंतर सामंजस्य मुझे सदैव मेरे आत्मन प्रवित्ति तक की यात्रा का संदेश देता आया है.. एक रवि जिनका धर्म है तप, एक है बौछार जो पिघलते हुए उपवनों का कारण बनी बैठी है, परंतु जिसका मूल दिनकर की तपिश है.. मैंने इस अंतर संबंध से नीति का साक्षात्कार किया है। क्या मालूम की किसी उपनिषद में ऐसी परिभाषा गढ़ी होगी भी या नही., किंतु स्व की यात्रा में परिभाषाओं का शास्त्रों से होना आवश्यक भी तो नही.. प्रण धारी इंद्र का वो तीक्ष्ण धुन भी बहुत मधुर है, मैंने अपने पापों का धूल जाना .,बिना सदानीरा की कृपा किये, वहाँ अनुभव किया है। चक्षु कारण हमें दृष्टि भी दे और सृष्टि भी..

आदिरमानी✍️💫

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