सवाल

ये सवाल मेरे ज़हन के रहे हैं और मेरे ज़हन ने एक ही जवाब दिया - कृतज्ञता..

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Aadi
Aadi 13 Jul, 2022 | 0 mins read

जब मेरे सामने ये सवाल आता है कि मैं आनंद का दर्शन कब करता हूँ.. आखिर में क्या जवाब दूँ..? सिवाय ये कहने के कि मात्र एक ही अनुभूति है जिसे मैं आनंद कह सका, जो है कि जब सूर्य उदय होता है तो उसके प्रकाश में मैं भी नाहा लेता हूँ मुझे ये कह कर ठुकराया नही जाता की मैं योग्य नहीं हूँ..।

रात्रि काल में चंद्र माँ मुझे ये कहके नहीं वंचित रखती की मैं उसकी सोम की रक्षा ना कर सका।

मुझपे बार बार कृपा की जाती रही है। परंतु मैं, शक्ति हीन सिवाय कृतज्ञता भरी आँसू के अलावा कुछ ना पेश कर पाता हूँ। अब चर्चा चल रही है " मेरे ब्रह्मांड" की हाँ, और भला कैसे सम्बोधित करू।

चलता हूँ.., प्रेम के लिए अंतर द्वंद आरंभ हो गया, इसे जरा ठहरा दूँ।

आदिरमानी✍️💫

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