तेरी कसमे वादे सब याद रह गये,
तू मजबूर,कठोर है यह कह गये।।
सूरज,चाँद,सितारे संग साथ रह गये,
तुम्हारेे हाथ मेरे हाथों से कहीं दूर बह गये।।
दिखा नही तुझ जैसा मन के तार कह गये,
दिल दुखा इस राह मे पर हम सब सह गये।।
निकल घर से बाहर उसकी एक झलक को क्या गये,
देख कर वो बोले न जाने कहां कहां के लोग आ गये।।
वो हर एक कसमे वादे को एक पल में बिसरा गये,
हम नादान भरोसा करने इस झूठे संसार मे आ गये।।
-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Vet well said. :)
शुक्रिया जी
Bahut badiya
Thank you brother
वाह
thank you
Nice one 👌
sukriya ji
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