बचपन की कहानी सुनते,
हाथी घोड़े वह जो वो बन जाते,
मेरे रो जाने पर वह घर मे सबको ड़ाटते,
पापा कभी नही मुझको रोने देते।।
बचपन की यादों को वह तस्वीरो मे लेते,
हमे थकता देख वह कंधे पर चढ़ा लेते,
स्कूल की देरी पर छुटी मेरी करा लेते,
पापा कभी नही मुझे रोने देते।।
लूड्डो की बाजी जानबूझकर हार जाते,
चलते हुए ठोकर लगती तो गोद मे उठा लेते,
खानेे की जीद्द को मिनटो मे पूरा करते,
पापा मुझे कभी नही रोने देते।।
मुझे जीताते थे खुद हार जाते,
बचपन के हर पल मे खुशियो के देते,
टीचर की शिकायत पर उसे ही समझते,
पापा मुझे कभी नही रोने देते।।
-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink_
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