सुख दुख मे,
दीपक जैसे दक्ष,
साथ हमारे,
बहन के हो,
त्राण विजय भ्राता,
पीड़ा न हो,
माँ के सम्राट,
ममता स्मारक ,
प्रिय वंशज,
प्रणेता है वो,
प्राण प्रतिपादन,
कुटुंब नेता।।
क्षुद्र भ्राता है,
आकर्षक जिंदगी,
आयुष्य हो।।
-उदित जैन
(Delhi)
सुख दुख मे,
दीपक जैसे दक्ष,
साथ हमारे,
बहन के हो,
त्राण विजय भ्राता,
पीड़ा न हो,
माँ के सम्राट,
ममता स्मारक ,
प्रिय वंशज,
प्रणेता है वो,
प्राण प्रतिपादन,
कुटुंब नेता।।
क्षुद्र भ्राता है,
आकर्षक जिंदगी,
आयुष्य हो।।
-उदित जैन
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