तर्ज:-ये रातें ये मौसम नदी का किनारा चंचल हवा...
ये बातें ये संदेश,महफिल की बातें ये बहती हवा...
हा..हा..हा..हा..
हा..हा..हा..हा..
जब दो दिलो मे बंधी एक डोरी न मिलकर भी होंगे जुदा....
ये बातें ये संदेश,महफिल की बातें ये बहती हवा...
कुछ बात थी उसकी आवाज मे तो...
जब हम खो गये उसके अंदाज मे तो...
जब भी बातें हो बहती हवा हो..और हंसी का फुवारा
ये बातें ये संदेश,महफिल की बातें ये बहती हवा...
दोस्तो की महफिलो का तुम करके इशारा....
कहे अब तो जीवन है सारा तुम्हारा...
मस्ती की बातों मे गुजरे हमारा...
करे बातें हर पल और समय का न हो इशारा...
ये बातें ये संदेश,महफिल की बातें ये बहती हवा...
वादें जो अपने तुझसे किये है...
कभी वह न टूटे रहे हम जहां...
न..न..न..न..न..
न..न..न..न..न..
तुमसे दोस्ती की,वादें भी किये,रहूंगा मै तुम्हारा ही खुदा....
ये बातें ये संदेश,महफिल की बातें ये बहती हवा...
ये बातें ये संदेश,महफिल की बातें ये बहती हवा..
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-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink_
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Good one
Thank you
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